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Saturday, June 13, 2009

क्या महिला आरक्षण बिल महिलाओं के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी?

संयुक्त प्रगति शील गठ्बंदन सरकार इस बार पुरे जोश में दिखाई दे रही है। विकास के प्रति प्रतिबधत्ता इसके १०० दिन के एजेंडा से ही साफ हो गई है, क्यों न हो जनता इस बार यु. पि. ये सरकार को पुन सत्ता में ला कर इसंयुक्त प्रगति शील गठ्बंदन सरकार इस बार पुरे जोश में दिखाई दे रही है। विकास के प्रति प्रतिबधत्ता इसके १०स बात की और संकेत किया है की जनता को विकास चाहिए।

सरकार के १०० दिन का एजेंडा में सबसे महत्वपूर्ण कदम महिला आरक्षण बिल है। अब वो समय आ चुका है की वर्षों से किए ja रहे vadon को amlijama pahnaya जाए। महिला आरक्षण बिल एक esa मुद्दा रहा है जिसे lagvag pratek पार्टियों ने समय समय पर bhunane की कोशिश की है, और समय आने पर sabo के muh पर tala sa लग jata है। क्या vastav में ये बिल महिलाओं को विकास की sidi राह dikhane में saphal हो payega? क्या कुछ संख्या में महिला सदन में पहुच कर पुरे महिलाओं के के बरे में सोंच पायेगी? ये चंद सवाल है जो कुछ शीर्ष नेताओं को इस बिल का विरोध करने पर विवस करता है।

बिल का मोजुदा स्वरुप कई सवाल खरे कर सकते है। ये बिल वाकई महिलाओं का विकास कर सकता है बसरते की इस पर दलित व पिछरे वर्ग को लेकर राजनीती न की जाए, सदन में मुस्लिम तुस्टीकरण को आधार मन कर इस बिल पर हंगामा न किया जाए। मोजुदा स्वरुप में सबसे बरी बात महिला सिट का परिवर्त्निये होना है, अर्थात प्रत्येक चुनाव के बाद महिलाओं की सिट बदलती रहेगी। हो सकता है की अरक्षित सिट पर ज्यादातर मंत्रियों के अपने हो, इस तरह के कई एसे बातें है जिस पर सर्वदालिये मंथन की जरुरत है।

सरकार ने तो इस तरफ कदम भी बढ़ा चुकी है। सांसद मीरा कुमार को लोस अध्यक्ष चुन कर अपनी इक्छा व्यक्त कर चुकी है , आगे अन्य पार्टियों पर निर्भर करता है की इस मुद्दे को कितना भुना सकता है।

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