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Friday, March 11, 2011

तुम बहुत जिद्दी हो गए हो.
लेकिन जिद्द कभी कभी खुदाई का एहसास दिलाता है.
शायद इसलिए तुमसे शिकायत नहीं.
फिर भी बहुत जिद्दी हो गए हो.

जब कभी मैं चाँद को देखता हूँ.

तुम मचलने लगते हो.
मैं नहीं जनता क्यों.
लेकिन तुम्ही हो जो मुझे चाँद से वफाई सिखाता है.
बहुत जिद्दी हो गए हो.